झारखंडेश्वर महादेव: गायघाट, बस्ती का अद्भुत शिवलिंग:
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित बस्ती जनपद का गायघाट गाँव जो की अब नगर पंचायत हो चूका है एक अनोखी आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण स्थान है। यहाँ स्थित झारखंडेश्वर महादेव का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसका शिवलिंग तीन पीपल के वृक्षों के मध्य से प्रकट हुआ है, जो अपने आप में एक चमत्कारी दृश्य प्रस्तुत करता है।

झारखंडेश्वर महादेव की अनूठी विशेषता:
झारखंडेश्वर महादेव का शिवलिंग एक प्राकृतिक रूप से उद्भूत शिवलिंग है, जिसे किसी ने स्थापित नहीं किया बल्कि यह स्वयं धरती से प्रकट हुआ है।
इस शिवलिंग की सबसे अनोखी बात यह है कि यह समय के साथ स्वतः ही बढ़ता जा रहा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यह भगवान शिव की अलौकिक शक्ति का प्रमाण है और इसका आकार निरंतर बढ़ने से यह स्थान और अधिक दिव्यता प्राप्त करता जा रहा है।
तीन पीपल के वृक्षों के मध्य स्थित शिवलिंग:

शिवलिंग की स्थिति भी अत्यंत रहस्यमयी और चमत्कारी है। यह शिवलिंग तीन पीपल के पेड़ों के ठीक बीचों-बीच स्थित है, जो इसे एक दिव्य आभा प्रदान करते हैं। इन पीपल के वृक्षों की उम्र सैकड़ों वर्षों की मानी जाती है और इनके चारों ओर का वातावरण हमेशा भक्तिमय बना रहता है।
मंदिर की पौराणिकता और आस्था:
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, झारखंडेश्वर महादेव का मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यह मंदिर दूर-दूर से आने वाले भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
राम-जानकी मार्ग से निकटता:

यह पवित्र स्थल राम-जानकी मार्ग पर स्थित है और अयोध्या से मात्र 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम माता सीता के साथ जनकपुर से अयोध्या लौट रहे थे, तब वे इस स्थान से होकर गुजरे थे। यह मंदिर राम-जानकी मार्ग से केवल 200 मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।
सरयू नदी का पुराना प्रवाह:
इस मंदिर के पास से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर माँ सरयू नदी बहती है। प्राचीन समय में, जब कोई बाँध नहीं था, तब ऐसा माना जाता है कि सरयू नदी इसी मंदिर के पास से होकर बहती थी। समय के साथ बदलाव हुआ और नदी की धारा दूर चली गई, क्योंकि इस पर एक बाँध बना दिया गया। लेकिन यह मंदिर आज भी इस ऐतिहासिक धारा की गवाही देता है और श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य आस्था का केंद्र बना हुआ है।
श्रद्धालुओं के अनुभव:
यहाँ आने वाले भक्तगण बताते हैं कि इस स्थान पर आने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। बहुत से श्रद्धालुओं का यह भी मानना है कि जो भी सच्चे मन से यहाँ जलाभिषेक करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
कैसे पहुँचें झारखंडेश्वर महादेव?:
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित है और यहाँ सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। बस्ती रेलवे स्टेशन से गायघाट की दूरी अधिक नहीं है और वहाँ से टैक्सी या अन्य साधनों द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष:
झारखंडेश्वर महादेव का यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भगवान शिव की अद्भुत महिमा और शक्ति का जीवंत प्रमाण भी है। यहाँ स्थित बढ़ता हुआ शिवलिंग और तीन पीपल के वृक्षों के मध्य इसका स्थित होना भक्तों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। यदि आप भगवान शिव के भक्त हैं और किसी दिव्य अनुभव की तलाश में हैं, तो यह स्थान आपके लिए अवश्य दर्शनीय है।