Mahakumbh 2025 prayagraj yatra
महाकुंभ 2025 प्रयागराज यात्रा: आस्था और भक्ति की अविस्मरणीय यात्रा
महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव है, जो की दुनिया भर के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन जो की प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित होता है। इस बार 2025 में आयोजित हो रही महाकुंभ यात्रा अद्वितीय है क्यो कि ये महाकुम्भ है जो कि 144 वर्ष बाद आया है तो चलिए चलते अनोखे सफर पे जो की एक अनुभव और धार्मिक महत्ता का अनुभव करता है। यदि आप इस अविस्मरणीय यात्रा का हिस्सा बनने की योजना बना रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपकी यात्रा को सफल और यादगार बनाने में मदद करेगा।

मौनी अमावस्या का महत्व:
भारतीय संस्कृति और धर्म में मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व। साधु संत और हमारी भारत की परंपरा बताती की की ये दिन कितना खास है क्यू की आज की टाइम मे बोलना कितना जरूरी होती है पर सोचिए की कितना ही सांत और मौन है की जहां करोड़ों की संख्या मे लोग आएंगे वहाँ शांति को बनाए रखाने का वज्ञानिक प्रमाण भी देता है इसी लिए तो सनातन धर्म को खास बनाता है जहां की इसे मौन रहने और आत्मचिंतन करने के दिन भी कहा जाता है।
2. महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या:
इस वर्ष की विशेषताएं और मुख्य आयोजन।स्नान का समय और इसका धार्मिक महत्व। इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को है और ये बात बहुत ही खास है क्यू की ये 144 वर्ष बाद आ रहा है

3. प्रयागराज का ऐतिहासिक महत्व:
संगम पर स्नान का महत्व और यह कैसे मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है।कुंभ के साथ प्रयागराज की ऐतिहासिक परंपराएं।सबसे पहले कुंभ मेला की विशेष बातें कुंभ मेला कितने साल में एक बार पड़ता है 12 साल में क्योंकि कुंभ मेला जुपिटर प्लेनेट यानी कि बृहस्पति ग्रह की साइकिल पर आधारित है बृहस्पति ग्रह हर 12 वर्ष बाद सूर्य का एक चक्कर पूरा करके उसी राशि में दोबारा आते हैं और उसी समय ही कुंभ मेला पड़ता है प्रयागराज का कुंभ ही क्यों विशेष महत्व रखता है क्योंकि बाकी तीन स्थानों पर जो कुंभ लगता है वह एक नदी के तट पर लगता है हरिद्वार में गंगा माँ के तट पर उज्जैन का कुंभ शिप्रा नदी के तट पर नासिक का कुंभ मां गोदावरी के तट पर लेकिन प्रयागराज का जो कुंभ है ये मां गंगा जमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर लगता है और इसीलिए ही पुराणों और शास्त्रों में प्रयागराज में लगने वाले कुंभ का सबसे अधिक पुण्य बताया गया है
4. श्रद्धालुओं की भीड़ और तैयारियां:
प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं और सुविधाएं।सुरक्षा प्रबंधन और यातायात की सुविधाएं हैं ये प्रयागराज मेला प्राधिकरण जो मेला अथॉरिटी का ऑफिस आपको यहां पर दिखेगा ये अभी यहां पर स्थापित किया गया है पहले ऐसा यहां पर कुछ नहीं होता था बिल्कुल खाली रहता था ये फायर ब्रिगेड की लगभग 100 के करीब यहां पर गाड़ियां हैं और हम देख रहे थे कि यहां पर फायर ब्रिगेड का अलग से ही इन्होंने एक पूरे का पूरा बड़ा पंडाल ऑफिस बना के रखा हुआ है स्पेशली अभी बना है महाकुंभ के लिए तो इसी तरह से यहां पर सैनिटेशन सर्विसेस है उसका अलग से यहां पर ऑफिस बना है जो तंबू शिविर लगाया हुआ है परेड ग्राउंड में ही जो चिकित्सालय की सुविधाएं हैं अगर कोई बीमार पड़ जाता है वो भी इसी एरिया में आता है तो यह प्रयागराज महाकुंभ के लिए जानकारी आप जिस भी जगह से आएंगे आप लो उसी तरफ पार्किंग मिल जाएगी जैसे की आप यदि नैनी की साइड से आ रहे है तो आप को नैनी मे ही पार्किंग मिलेगी और वहाँ से आप आ सकते है और आओ प्रयाग राज से जिस भी तरफ से आएंगे उशी तरफ से आओ को मेल छेत्र मे प्रवेश मील जाएगा
5. सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजन:
मौनी अमावस्या के अवसर पर होने वाले भजन, कीर्तन और धार्मिक प्रवचन।आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने के लिए आयोजित की जाने वाली विशेष गतिविधियां।मेल मे 5 अमृत स्नान है जैसे की 13 जनवरी से 26 फरवरी तक पूरे 45 दिन तक का है ये आयोजन
6. कैसे पहुंचे और ठहरने की व्यवस्था:
प्रयागराज तक पहुंचने के लिए परिवहन के विकल्प है यहाँ पर आप भारतीय रेलवे और उत्तर प्रदेश की पारवहन सेवा से आ सकते है ।ठहरने के लिए विभिन्न धर्मशालाओं और होटलों की जानकारी।प्रयागराज धाम में आकर रुकने की व्यवस्था के बारे में जानते है यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को जो यहां पर रेट्स है वो डिपेंड करता है कि सुविधा आप किस तरह की ले रहे हैं तो उसी हिसाब से यहां पर चार्जेस भी रहते हैं यहां पर डीलक्स रूम भी है सुपर डीलक्स भी है तो जो आपको अलग-अलग तरह के टेंट हैं वह सारी की सारी इंफॉर्मेशन मिल जाएगी इसके अलावा हम एक टेंट में और एक बात अगर आप प्रयागराज धाम में आ रहे हैं ना अगर नहीं भी बुकिंग होती तब भी कोई चिंता की बात नहीं है यहां पर हर एक सेक्टर में जो 25 सेक्टर हैं जन आश्रय स्थल है यहां पर आपको या आपको एक डोरमेट्री टाइप बेड मिल जाता है आप वहां पर अपना आधार कार्ड जमा करवाइए और आपको रहने की सुविधा मिल जाती है यहां पर रैन बसेरा की भी सुविधा है वहां पर फ्री ऑफ कॉस्ट आपको मिल जाती है ,
महाकुभ यात्रा
दोस्तों यदि आप प्रयागराज में आ रहे हैं तो आप जानते हैं प्रयागराज में जनवरी में बहुत ज्यादा ठंडी पड़ती है और ठंड से बचने के लिए आपको अपने घर में के कपड़े जरूर लानी चाहिए और रात में सोने के लिए एक गर्म चादर कंबल या ब्लैंकेट जरूर लाना चाहिए आपको भीड़ में बहुत ज्यादा फंसने की जरूरत नहीं है आप पूरी गंगा नदी में कहीं भी नहाएंगे आपको जो है पुरे संगम का पुण्य मिलेगा क्योंकि यहां पर हर एक घाट पर पुण्य देवी देवता आकर नहाते हैं और आप उनके साथ ब्रह्म मुहूर्त में नहीं और अपने लिए जो है जाड़े से बचने के लिए उपचार करते रहिए अपने आप को समय-समय पर खाने-पीने की भी जरूर रखनी चाहिए जिससे आपका शरीर कमजोर ना हो और आप एनर्जेटिक रहे और संगम में जाकर नाहन स्नान करते रहे
Very nice👍